11Feb 2018 by Nitin Patil No Comments लड़खड़ाते हुए को देख मस्कुरा तो रहे हो मगर। लड़खड़ा के उठने का जज़्बा जिगरवालों में ही होता है।। आँधीयों में भी जो न बुझे वह चिराग है। हौसला तो वैसे तूफ़ानों में भी होता है।।