
गर्दिश-ए-वक़्त ने यूँ तो हमें मारा है – A Poem On Friendship
गर्दिश-ए-वक़्त ने यूँ तो हमें मारा है - A Poem On Friendship [sm-youtube-subscribe] दोस्ती एक ऐसा जज़्बा एक ऐसा रिश्ता है जो समय के साथ और भी गहरा होता जाता है। इसलिए दुनिया के तमाम दोस्तों को समर्पित है यह ग़ज़ल जो मेरी किताब सुख़न-ए-दिल से ली गई है। आशा करता हूँ यह आपको पसंद आएगी। धन्यवाद, - नितिन