A Birthday Tribute To Mohammed Rafi Sahab

Sukhan
A Birthday Tribute To Mohammed Rafi Sahab (रफ़ी साहब के जन्मदिन पर श्रद्धांजलि) [sm-youtube-subscribe]   रफ़ी साहब के जन्मदिन पर यह छोटा सा नज़राना श्रद्धांजलि के तौर पर पेश कर रहा हूँ। धन्यवाद, - नितिन  
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Shakeel Badayuni Sahab Ke Geeton Ke Kuch Rang

Yaadon Ke Sang
Shakeel Badayuni Sahab Ke Geeton Ke Kuch Rang (शकील बदायूनी साहब के गीतों के रंग) [sm-youtube-subscribe]   "यादों के संग" में आज हम बात करेंगे मशहूर शायर और गीतकार शकील बदायूनी साहब के गीतों के कुछ रंगों की। शकील साहब ने हमें हर रंग में बड़े ही ख़ूबसूरत गीत दिए हैं फिर वह प्यार के गीत हो या दर्द के, ख़ुशी के हो या ग़म के, भक्ति के हो या जीवन दर्शन के। मेरे ख़याल से शकील साहब का अपना ही शेर उनकी रचनाओं को सबसे बेहतर बयाँ करता है:   मैं शकील दिल का हूँ तर्जुमा, मोहब्बतों का हूँ राज़दाँ   मुझे फ़ख्र है मेरी शायरी, मेरी जिंदगी से जुदा नहीं। धन्यवाद, - नितिन  
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Rafi Sahab Ka Dil Choo Lene Wala Karishma

Rafi Sahab Ka Dil Choo Lene Wala Karishma

Andaaz-e-Rafi Sahab
Rafi Sahab Ka Dil Choo Lene Wala Karishma (रफ़ी साहब का दिल छू लेने वाला करिश्मा) रफ़ी साहब की पुण्यतिथी पर जैसे कईँ बातें दिल को छू कर निकल गईँ। आज ऐसी ही एक बात आपसे शेअर कर रहा हूँ जो है तो शायद छोटी सी, पर इसमें भी हमें रफ़ी साहब का एक दिल छू लेने वाला करिश्मा देखने को मिलता है। रफ़ी साहब का पहला गीत 1944 में आई फिल्म 'गुल बलोच' का 'सोनिए नी हीरिए नी' बताया जाता है जो कि 1941 में रिकॉर्ड किया गया था। उस वक़्त रफ़ी साहब की उम्र लगभग सिर्फ 16 साल की रही होगी। और रफ़ी साहब का आख़िरी गीत 'तू कहीं आस पास है दोस्त' फिल्म 'आस पास' के लिए 1980 में रिकार्ड किया गया था। यानी कि लगभग 39…
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गर्दिश-ए-वक़्त ने यूँ तो हमें मारा है – A Poem On Friendship

गर्दिश-ए-वक़्त ने यूँ तो हमें मारा है – A Poem On Friendship

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गर्दिश-ए-वक़्त ने यूँ तो हमें मारा है - A Poem On Friendship [sm-youtube-subscribe]   दोस्ती एक ऐसा जज़्बा एक ऐसा रिश्ता है जो समय के साथ और भी गहरा होता जाता है। इसलिए दुनिया के तमाम दोस्तों को समर्पित है यह ग़ज़ल जो मेरी किताब सुख़न-ए-दिल से ली गई है। आशा करता हूँ यह आपको पसंद आएगी। धन्यवाद, - नितिन  
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किसी याद ने दिल को जगाया है – A Poem On When Love Becomes You

किसी याद ने दिल को जगाया है – A Poem On When Love Becomes You

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किसी याद ने दिल को जगाया है - A Poem On When Love Becomes You [sm-youtube-subscribe]   कभी कभी कोई शख़्स दिल के इतना क़रीब होता है कि वह तन्हाई में भी साथ होता है। उसे ढूंढने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती क्योंकि वह आपका हिस्सा बन चुका होता है। ऐसे ही एहसास को बयाँ करती है यह ग़ज़ल जो मेरी किताब सुख़न-ए-दिल से ली गई है। आशा करता हूँ यह आपको पसंद आएगी। धन्यवाद, - नितिन  
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दस्तूर-ए-हयात से मेरे ख़्वाब बहुत छोटे हैं – A Poem On Those Who Are Ignored

दस्तूर-ए-हयात से मेरे ख़्वाब बहुत छोटे हैं – A Poem On Those Who Are Ignored

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दस्तूर-ए-हयात से मेरे ख़्वाब बहुत छोटे हैं - A Poem On Those Who Are Ignored [sm-youtube-subscribe]   क्या आपने कभी यह अनुभव किया है कि आपकी बात लोगों तक पहुँच ही नहीं रही है या कोई आपको सुनना ही नहीं चाहता है। कुछ ऐसे ही हालात से मुख़ातिब है यह ग़ज़ल जो मेरी किताब सुख़न-ए-दिल से ली गई है। आशा करता हूँ यह आपको पसंद आएगी। धन्यवाद, - नितिन  
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अपनी भोली मुस्कुराहटों से मेरा जहाँ बसाओ तुम – A Poem For Someone Special

अपनी भोली मुस्कुराहटों से मेरा जहाँ बसाओ तुम – A Poem For Someone Special

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अपनी भोली मुस्कुराहटों से मेरा जहाँ बसाओ तुम - A Poem For Someone Special [sm-youtube-subscribe]   कभी किसी की भोली मुस्कुराहट में ऐसी राहत होती है कि उसमें खो जाने को दिल करता है। उसका साथ पाते ही दिल बाग़-बाग़ हो जाता है। कुछ ऐसे ही जज़्बातों को बयाँ करती है यह ग़ज़ल जो मेरी किताब सुख़न-ए-दिल से ली गई है। आशा करता हूँ यह आपको पसंद आएगी। धन्यवाद, - नितिन  
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Rafi Sahab Ne Kiya Shabdon Par Jaadu (Part 3)

Rafi Sahab Ne Kiya Shabdon Par Jaadu (Part 3)

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Rafi Sahab Ne Kiya Shabdon Par Jaadu (Part 3) पिछली दो पोस्टों में हम ने बात की है रफ़ी साहब ने शब्दों पर की जादूगरी की जिसमें वह कुछ शब्दों को कोमल अंदाज़ में गाते थे ताकि कोई भी शब्द कानों को चुभे नहीं, और इसके ठीक विपरीत जब उन्हें श्रोताओं का ध्यान खींचना होता था तो सिर्फ एक शब्द को वह ऊँचे स्वर या कठोर अंदाज़ में गाते थे। और यह सब वे इतनी सहजता से करते थे कि सुनने वालों को सिर्फ असर महसूस होता है, उस के पीछे की जादूगरी नहीं। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए अब हम रफ़ी साहब की शब्दों पर की जादूगरी को एक और नज़रिए से देखेंगे। आज हम बात करेंगे रफ़ी साहब के कुछ ऐसे गानों की जिन में उन्होंने कुछ…
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भीड़ में रहकर भी बोला नहीँ हूँ मैं – A Poem On Those Who Speak Less

भीड़ में रहकर भी बोला नहीँ हूँ मैं – A Poem On Those Who Speak Less

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भीड़ में रहकर भी बोला नहीँ हूँ मैं - A Poem On Those Who Speak Less [sm-youtube-subscribe]   जो लोग कम बात करते हैं उनके बारे में अक्सर यह ग़लत-फ़हमी होती है कि शायद उनके पास बोलने के लिए कुछ है ही नहीं या उन्हें किसी बात से फ़र्क़ नहीं पड़ता। पर उनकी भी कोई कहानी हो सकती है। शायद किसी ने सुनने की कोशिश ही नहीं की हो। यह ग़ज़ल जो मेरी किताब सुख़न-ए-दिल से ली गई है, ऐसे ही जज़्बात पर रोशनी डालती है। आशा करता हूँ यह आपको पसंद आएगी। धन्यवाद, - नितिन  
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मोहब्बत के सफ़र की उम्र न पूछ ऐ हबीब – A Poem On Breakup, Heartbreak, And Separation

मोहब्बत के सफ़र की उम्र न पूछ ऐ हबीब – A Poem On Breakup, Heartbreak, And Separation

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मोहब्बत के सफ़र की उम्र न पूछ ऐ हबीब - A Poem On Breakup, Heartbreak, And Separation [sm-youtube-subscribe]   मोहब्बत के सफ़र में कभी-कभी प्यार करने वाले जुदा भी हो जाते हैं। मगर हम में से कितने लोग यह सोचते हैं कि क्या मैंने अपनी और से पूरी कोशिश की। मेरी यह ग़ज़ल जो मेरी किताब सुख़न-ए-दिल से ली गई है, ऐसे ही हालात पर रोशनी डालती है। आशा करता हूँ यह आपको पसंद आएगी। धन्यवाद, - नितिन  
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