Dost – A Poem On Friendship

दोस्त (Dost) – A Poem On Friendship

 

दोस्ती एक ऐसा जज़्बा एक ऐसा रिश्ता है जो समय के साथ और भी गहरा होता जाता है। इसलिए दुनिया के तमाम दोस्तों को समर्पित है यह ग़ज़ल ‘दोस्त’ जो मेरी किताब सुख़न-ए-दिल से ली गई है। आशा करता हूँ यह आपको पसंद आएगी।

धन्यवाद,
– नितिन
 

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