Mausam – A Poem On When Love Becomes You

मौसम (Mausam) – A Poem On When Love Becomes You

 

कभी कभी कोई शख़्स दिल के इतना क़रीब होता है कि वह तन्हाई में भी साथ होता है। उसे ढूंढने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती क्योंकि वह आपका हिस्सा बन चुका होता है। ऐसे ही एहसास को बयाँ करती है यह ग़ज़ल ‘मौसम’ जो मेरी किताब सुख़न-ए-दिल से ली गई है। आशा करता हूँ यह आपको पसंद आएगी।

धन्यवाद,
– नितिन
 

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