Tum – A Poem For Someone Special

तुम (Tum) – A Poem For Someone Special

 

कभी किसी की भोली मुस्कुराहट में ऐसी राहत होती है कि उसमें खो जाने को दिल करता है। उसका साथ पाते ही दिल बाग़-बाग़ हो जाता है। कुछ ऐसे ही जज़्बातों को बयाँ करती है यह ग़ज़ल ‘तुम’ जो मेरी किताब सुख़न-ए-दिल से ली गई है। आशा करता हूँ यह आपको पसंद आएगी।

धन्यवाद,
– नितिन
 

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