
Rafi Sahab Ne Kiya Shabdon Par Jaadu (Part 3)
Rafi Sahab Ne Kiya Shabdon Par Jaadu (Part 3) पिछली दो पोस्टों में हम ने बात की है रफ़ी साहब ने शब्दों पर की जादूगरी की जिसमें वह कुछ शब्दों को कोमल अंदाज़ में गाते थे ताकि कोई भी शब्द कानों को चुभे नहीं, और इसके ठीक विपरीत जब उन्हें श्रोताओं का ध्यान खींचना होता था तो सिर्फ एक शब्द को वह ऊँचे स्वर या कठोर अंदाज़ में गाते थे। और यह सब वे इतनी सहजता से करते थे कि सुनने वालों को सिर्फ असर महसूस होता है, उस के पीछे की जादूगरी नहीं। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए अब हम रफ़ी साहब की शब्दों पर की जादूगरी को एक और नज़रिए से देखेंगे। आज हम बात करेंगे रफ़ी साहब के कुछ ऐसे गानों की जिन में उन्होंने कुछ…