Anand Bakshi Ji Ke Geeton Ke Kuch Rang

Yaadon Ke Sang
Anand Bakshi Ji Ke Geeton Ke Kuch Rang (आनंद बख्शी जी के गीतों के कुछ रंग) [sm-youtube-subscribe]   "यादों के संग" में आज हम बात करेंगे मशहूर शायर और गीतकार आनंद बख्शी जी के गीतों के कुछ रंगों की। बख्शी जी ने लगभग ५ दशकों तक फिल्मी गीत लिखे। हर रंग में उन्होंने लोकप्रिय गाने दिए हैं। आसान शब्दों में किसी भी बात किसी भी जज़्बात को बख़ूबी बयान करने की अदा का दूसरा नाम हैं 'आनंद बख्शी' जी। धन्यवाद, - नितिन  
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Shailendra Ji Ke Geeton Ke Kuch Rang

Yaadon Ke Sang
Shailendra Ji Ke Geeton Ke Kuch Rang (शैलेंद्र जी के गीतों के कुछ रंग) [sm-youtube-subscribe]   "यादों के संग" में आज हम बात करेंगे मशहूर कवि और गीतकार शैलेंद्र जी के गीतों के कुछ रंगों की। उन्हें आम आदमी की ज़ुबान में ऐसी महारत हासिल थी कि आज भी उनके लिखे गाने लोगों की ज़ुबान पर हैं। धन्यवाद, - नितिन  
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Majrooh Sultanpuri Sahab Ke Geeton Ke Kuch Rang

Yaadon Ke Sang
Majrooh Sultanpuri Sahab Ke Geeton Ke Kuch Rang (मजरूह साहब के गीतों के कुछ रंग) [sm-youtube-subscribe]   "यादों के संग" में आज हम बात करेंगे मशहूर शायर और गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी साहब के गीतों के कुछ रंगों की। मजरूह साहब का काम अथाह अंतरिक्ष की तरह है जिसमें हर सितारा मौजूद है। उन्होंने लगभग ६ दशकों तक फिल्मों में गीत लिखे। वह बड़ी ख़ूबसूरती से बदलते वक़्त के साथ अपने गीतों को भी बदलते रहे। लेकिन उनका काव्य उतना ही सुंदर बना रहा। धन्यवाद, - नितिन  
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Sahir Ludhianvi Sahab Ke Geeton Ke Kuch Rang

Yaadon Ke Sang
Sahir Ludhianvi Sahab Ke Geeton Ke Kuch Rang (साहिर लुधियानवी साहब के गीतों के रंग) [sm-youtube-subscribe]   "यादों के संग" में आज हम बात करेंगे मशहूर शायर और गीतकार साहिर लुधियानवी साहब के गीतों के कुछ रंगों की। वह प्यार के गीत हो या दर्द के, ख़ुशी के हो या ग़म के, भक्ति के हो या जीवन दर्शन के, हर रंग में साहिर साहब ने हमें बड़े ही ख़ूबसूरत गीत दिए हैं। 'साहिर' जिसका मतलब होता है 'जादूगर' - सही मायने में साहिर साहब शब्दों के जादूगर थे। धन्यवाद, - नितिन  
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A Birthday Tribute To Mohammed Rafi Sahab

Sukhan
A Birthday Tribute To Mohammed Rafi Sahab (रफ़ी साहब के जन्मदिन पर श्रद्धांजलि) [sm-youtube-subscribe]   रफ़ी साहब के जन्मदिन पर यह छोटा सा नज़राना श्रद्धांजलि के तौर पर पेश कर रहा हूँ। धन्यवाद, - नितिन  
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Shakeel Badayuni Sahab Ke Geeton Ke Kuch Rang

Yaadon Ke Sang
Shakeel Badayuni Sahab Ke Geeton Ke Kuch Rang (शकील बदायूनी साहब के गीतों के रंग) [sm-youtube-subscribe]   "यादों के संग" में आज हम बात करेंगे मशहूर शायर और गीतकार शकील बदायूनी साहब के गीतों के कुछ रंगों की। शकील साहब ने हमें हर रंग में बड़े ही ख़ूबसूरत गीत दिए हैं फिर वह प्यार के गीत हो या दर्द के, ख़ुशी के हो या ग़म के, भक्ति के हो या जीवन दर्शन के। मेरे ख़याल से शकील साहब का अपना ही शेर उनकी रचनाओं को सबसे बेहतर बयाँ करता है:   मैं शकील दिल का हूँ तर्जुमा, मोहब्बतों का हूँ राज़दाँ   मुझे फ़ख्र है मेरी शायरी, मेरी जिंदगी से जुदा नहीं। धन्यवाद, - नितिन  
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Rafi Sahab Ka Dil Choo Lene Wala Karishma

Rafi Sahab Ka Dil Choo Lene Wala Karishma

Andaaz-e-Rafi Sahab
Rafi Sahab Ka Dil Choo Lene Wala Karishma (रफ़ी साहब का दिल छू लेने वाला करिश्मा) रफ़ी साहब की पुण्यतिथी पर जैसे कईँ बातें दिल को छू कर निकल गईँ। आज ऐसी ही एक बात आपसे शेअर कर रहा हूँ जो है तो शायद छोटी सी, पर इसमें भी हमें रफ़ी साहब का एक दिल छू लेने वाला करिश्मा देखने को मिलता है। रफ़ी साहब का पहला गीत 1944 में आई फिल्म 'गुल बलोच' का 'सोनिए नी हीरिए नी' बताया जाता है जो कि 1941 में रिकॉर्ड किया गया था। उस वक़्त रफ़ी साहब की उम्र लगभग सिर्फ 16 साल की रही होगी। और रफ़ी साहब का आख़िरी गीत 'तू कहीं आस पास है दोस्त' फिल्म 'आस पास' के लिए 1980 में रिकार्ड किया गया था। यानी कि लगभग 39…
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Dost – A Poem On Friendship

Dost – A Poem On Friendship

Blogs, Sukhan
दोस्त (Dost) - A Poem On Friendship [sm-youtube-subscribe]   दोस्ती एक ऐसा जज़्बा एक ऐसा रिश्ता है जो समय के साथ और भी गहरा होता जाता है। इसलिए दुनिया के तमाम दोस्तों को समर्पित है यह ग़ज़ल 'दोस्त' जो मेरी किताब सुख़न-ए-दिल से ली गई है। आशा करता हूँ यह आपको पसंद आएगी। धन्यवाद, - नितिन  
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Mausam – A Poem On When Love Becomes You

Mausam – A Poem On When Love Becomes You

Blogs, Sukhan
मौसम (Mausam) - A Poem On When Love Becomes You [sm-youtube-subscribe]   कभी कभी कोई शख़्स दिल के इतना क़रीब होता है कि वह तन्हाई में भी साथ होता है। उसे ढूंढने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती क्योंकि वह आपका हिस्सा बन चुका होता है। ऐसे ही एहसास को बयाँ करती है यह ग़ज़ल 'मौसम' जो मेरी किताब सुख़न-ए-दिल से ली गई है। आशा करता हूँ यह आपको पसंद आएगी। धन्यवाद, - नितिन  
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Dastoor – A Poem On Those Who Are Ignored

Dastoor – A Poem On Those Who Are Ignored

Blogs, Sukhan
दस्तूर (Dastoor) - A Poem On Those Who Are Ignored [sm-youtube-subscribe]   क्या आपने कभी यह अनुभव किया है कि आपकी बात लोगों तक पहुँच ही नहीं रही है या कोई आपको सुनना ही नहीं चाहता है। कुछ ऐसे ही हालात से मुख़ातिब है यह ग़ज़ल 'दस्तूर' जो मेरी किताब सुख़न-ए-दिल से ली गई है। आशा करता हूँ यह आपको पसंद आएगी। धन्यवाद, - नितिन  
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