
Safha – A Poem On Those Who Speak Less
सफ़्हा (Safha) [sm-youtube-subscribe] जो लोग कम बात करते हैं उनके बारे में अक्सर यह ग़लत-फ़हमी होती है कि शायद उनके पास बोलने के लिए कुछ है ही नहीं या उन्हें किसी बात से फ़र्क़ नहीं पड़ता। पर उनकी भी कोई कहानी हो सकती है। शायद किसी ने सुनने की कोशिश ही नहीं की हो। यह ग़ज़ल 'सफ़्हा' जो मेरी किताब सुख़न-ए-दिल से ली गई है, ऐसे ही जज़्बात पर रोशनी डालती है। आशा करता हूँ यह आपको पसंद आएगी। धन्यवाद, - नितिन।